पूर्व रक्षा उत्पादन राज्यमंत्री एवं गुड़गाव के सांसद राव इंद्रजीत सिंह द्वारा गत 16 नवंबर को सफल कार्यकर्ता सम्मेलन करने से क्षेत्र की राजनीति में उबाल आने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह एवं राव इंद्रजीत सिंह के मध्य मतभेद उभरने के बाद व पुराने महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र को नव गठित से मायूसी जताई है। गत वर्ष 23 सितंबर को शहीदी दिवस पर रेवाड़ी की जाने वाली रैली के लिए अपने कार्यकर्ताओं को यहां निमंत्रण देने आए थे। कार्यकर्ताओं की संख्या से ऐसा आभास होने लगा था कि राव का यह परंपरागत राजनीतिक गढ़ ध्वस्त हो गया है।
इसके बावजूद बदली राजनैतिक परिस्थितियों के कारण लगभग सवा वर्ष के अन्तराल के बाद गत 16 नवंबर को स्थानीय यादव धर्मशाला में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन की सफलता से ऐसा आभास होने लगा है कि राव के गढ़ में उनकी मर्जी के बगैर किसी का भी घुसना नामुमकिन है। विगत विधानसभा चुनाव में महेन्द्रगढ़ से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अच्छे मत लेने वाले एवं महेन्द्रगढ़ विकास मंच के अध्यक्ष राव कुलबीर बोहरा के भी राव के साथ आने से नए राजनैतिक समीकरण बनने की संभावनाएं जताई जा रही है।
क्षेत्र के साथ किए भेदभाव एवं राजनैतिक उपेक्षा को दूर करने के लिए बिजली मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं राव इन्द्रजीत सिंह के समर्थकों ने काफी प्रयास करके दोनों के गिले शिकवे दूर करवा के प्रदेश में एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनाने का कार्य किया है।
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